शर्मिला ऐसा की नयी दुल्हन भी इसके सामने कुछ नही
कमल जगती, नैनीताल
जी हाँ हम बात कर रहे हैं हिन्दुस्तानी किंग कोबरा की जो इन दिनो नैनीताल के समीप ज्युलिकोट के जंगलों में अपने नये शिशुओ को जन्म देने के लिए एसुन्दर सा माहौल तैयार कर रही है ! डीएफ़ओ बिजु लाल टीआर के अनुसार ये किंग कोबर प्रजाति का साप मण्डल के पहाडी क्षेत्रो व तराई भाभर में पाया जाता है ! किंग कोबरा जहाँ लोगों के लिए एक कौतुहल के अलावा आस्था का प्रतीक है वहीँ कुछ लोग इसे प्राकर्तिक संतुलन बनाने में मददगार मानते हैं ! इनदिनों एक मादा किंग कोबरा अपने बच्चे जनने के लिए अपना घोंसला नैनीताल के समीप ज्योलीकोट के जंगल में बना रही है जहाँ गांववासियों का जाना मना कर दिया गया है ! वो अपने घोसले को माहौल के अनुसार तैयार कर रही है ! किंग कोबरा के लिए कहा जाता है की विश्व में ये ही केवल सांप है जो अपने लिए घोंसला बनाता है ! इसे इस क्षेत्र के लिए सौभाग्य की बात मानी जा रही है, कोबरा को सिदुल-1 में बाघों के साथ रखा गया है ! ये विलुप्तप्राय प्राड़ी पहाड़ों व तराई भाबर क्षेत्र में बहुतायत में पाए जाते हैं !
जानकारों के अनुसार ये शर्मीले जीव होते हैं और मनुष्यों को इन सर्पों द्वारा काटे जानें के बहुत कम मामले सामने आए हैं ! ये सांप किसी आहट को सुनते ही चुपके से खिसक लेते हैं ! वन विभाग ने इस मौके को गंभीरता से लेते हुए इस प्रजनन क्रिया को मोनिटर करने के लिए एक विशेषज्ञ को जिम्मेदारी सौपी है व इसे कैमरे में कैद करने की व्यवस्था की है ! जिम्मेदार व्यक्ति के अनुसार जहाँ प्रजनन के लिए ये सांप अपना माहौल तैयार कर रहा है वहीँ इसे देखने के लिए गाँव से लोग जमा हो रहे हैं जो इस क्रिया को रूप लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है ! उन्होनें भी नज़र बनाये रखने के लिए कुछ दूर अपना ठिया बनाया है ! विभाग ने ग्रामीणों के द्वारा लगाई गई भीड़ को कम करने के लिए तार बाड लगाएं हैं व उन्हें दूर रहने की हिदायत दी जा रही है !
कुछ वर्ष पहले भी इसी प्रकार रामगढ में किंग कोबरा ने शिशुओं को जन्म दिया था जो काफी मशहूर हुआ था ! उनका कहना है की अगर ये प्रक्रिया सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाती है तो प्राकर्ति के लिए अच्छा इशारा होगा ! ये सांप 12 से 18 फीट लम्बे होते हैं और अपने सीकर को मरने में इनका जहर का एक छोटा हिस्सा ही इस्तेमाल होता है ! ये दिनभर खुले आम
घूमते हैं और अन्य सापों की तरह बिलों में छुपकर नहीं रहते ! सबकुछ अगर ठीक रहा तो पांच छह दिनों में अच्छे परिणIम सामने आएंगे !
घूमते हैं और अन्य सापों की तरह बिलों में छुपकर नहीं रहते ! सबकुछ अगर ठीक रहा तो पांच छह दिनों में अच्छे परिणIम सामने आएंगे !
नागराज' संसार का सबसे लम्बा विषधर सर्प है। इसकी लम्बाई 5.6 मीटर तक होती है। सांपों की यह प्रजाति दक्षिणपूर्व एशिया एवं भारत के कुछ भागों में खूब पायी जाती है। एशिया के सांपों में यह सर्वाधिक खतरनाक सापों में से एक है।
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