315 करोड़ हर साल घूसखोर नौकरशाहों के जेब में
एशिया प्रशांत क्षेत्र के भ्रष्ट देशों में भारत चौथे नंबर पर
(जहांगीर राजू रुद्रपुर)
भारत एक ऐसा देश बनाता जा रहा है जो भ्रष्टाचार की दौड़ में हर साल नए रिकार्ड बना रहा है। ताजा सर्वे के मुताबिक भारत जहां भ्रष्ट्र देशों की सूची में 86वें नंबर पर है, वहीं उसने अपना कद बढ़ाते हुए एशिया प्रशांत क्षेत्र के भ्रष्ट देशों की सूची में चौथा स्थान प्राप्त है। स्थिति यह है कि भारत में प्रतिवर्ष 315 करोड़ रुपये घूस के रुप में भ्रष्ट नौकरशाहों की जेब में जाते हैं। पांच अप्रैल को जंतर मंतर में उपवास रखकर सोशियल एक्टिविस्ट अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम की शुरुआत करेंगे। आप भी हजारे की इस मुहिम का हिस्सा बनें।
भ्रष्टाचार के मामलों को अगर देखा जाए तो भारत में विकास की पूंजी का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्ट नौकरशाहों की जेब में जाता है। मध्य प्रदेश में यदि एक भ्रष्ट आईएएस दंपति की संपत्ति का हवाला दिया जाए तो अरविंद जोशी व टीनू जोशी नामक इस दंपति ने भ्रष्टाचार से 500 करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति जमा की। अपनी दौलत को शेयर ट्रेडिंग में लगाकर उन्होंने 270 करोड़ रुपये कमाए। ऐसे ही कबाड़ व घोड़ा व्यवसायी हसन अली की संपत्ति को देखा जाए तो उसने पांच सालों में अपनी संपत्ति को 500गुना बढ़ा दिया। 54000 करोड़ की संपत्ति के मालिक इस व्यवसायी के पास इतनी अकूल संपत्ति कहां से आयी इसका अंदाजा किसी को नहीं है। ऐसे ही देश में भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों व राजनैताओं की लंबी कतार है। इसी भ्रष्टाचार की बदौलत देश के विकास की 70 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि स्विस बैंक में जमा है।
भारत एक ऐसा देश बनाता जा रहा है जो भ्रष्टाचार की दौड़ में हर साल नए रिकार्ड बना रहा है। ताजा सर्वे के मुताबिक भारत जहां भ्रष्ट्र देशों की सूची में 86वें नंबर पर है, वहीं उसने अपना कद बढ़ाते हुए एशिया प्रशांत क्षेत्र के भ्रष्ट देशों की सूची में चौथा स्थान प्राप्त है। स्थिति यह है कि भारत में प्रतिवर्ष 315 करोड़ रुपये घूस के रुप में भ्रष्ट नौकरशाहों की जेब में जाते हैं। पांच अप्रैल को जंतर मंतर में उपवास रखकर सोशियल एक्टिविस्ट अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम की शुरुआत करेंगे। आप भी हजारे की इस मुहिम का हिस्सा बनें।
भ्रष्टाचार के मामलों को अगर देखा जाए तो भारत में विकास की पूंजी का एक बड़ा हिस्सा भ्रष्ट नौकरशाहों की जेब में जाता है। मध्य प्रदेश में यदि एक भ्रष्ट आईएएस दंपति की संपत्ति का हवाला दिया जाए तो अरविंद जोशी व टीनू जोशी नामक इस दंपति ने भ्रष्टाचार से 500 करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति जमा की। अपनी दौलत को शेयर ट्रेडिंग में लगाकर उन्होंने 270 करोड़ रुपये कमाए। ऐसे ही कबाड़ व घोड़ा व्यवसायी हसन अली की संपत्ति को देखा जाए तो उसने पांच सालों में अपनी संपत्ति को 500गुना बढ़ा दिया। 54000 करोड़ की संपत्ति के मालिक इस व्यवसायी के पास इतनी अकूल संपत्ति कहां से आयी इसका अंदाजा किसी को नहीं है। ऐसे ही देश में भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों व राजनैताओं की लंबी कतार है। इसी भ्रष्टाचार की बदौलत देश के विकास की 70 हजार करोड़ से अधिक की धनराशि स्विस बैंक में जमा है।
देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कानून नहीं होने के कारण अपराध करने के बावजूद दोषी खुले में हवा खा रहे हैं। देश में लागू भ्रष्टाचार निरोधक कानून-1988 के तहत दोषी व्यक्ति के लिए महज पांच साल की सजा का प्राविधान है। जिसमें दोषी साबित होने पर उसकी संपत्ति को जब्त किए जाने का कोई प्राविधान नहीं है। देश में भ्रष्टाचार के 29117 मामले चल रहे हैं। जिसमें से वर्ष 2009 में सुनवायी के बाद मात्र 3228 लोगों को सजा हो सकी, बांकी सभी सुबूतों के अभाव में बरी हो गए।
आप भी जन जागरुकता, ब्लाग, फेसबुक, ट्यूटर व नेट के माध्यम देशभर में चल रही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए गांधीवादी अन्ना हजारे के आंदोलन का हिस्सा बनें।
anna sab sangharsh karo ham tumhare saath hai.
ReplyDeletejai hind.
jai bharat.
Anand Pandey
Sattan Computer
Pithoragarh
9997425660
Write approach .......corruption is a cancer of society it
ReplyDeleteshould be eliminated by Strong Law.But its a grave situation that Law maker and politician are most corrupted peoples of the society.
we all are with you but every currupt person must be punished.........and the money deposited in swiss bank should bring back to india.........
ReplyDeletemohit pandey
u-tech computers
pithoragarh
भ्रष्टाचार समाज में फैला एक कैंसर है I
ReplyDeleteजिसके चिकित्सक कानूनविद एवं राजनेता हैं I
जो सबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं I
जरुरत है एक ऐसे कठोर कानून की I
जिसके भयमात्र से सामान्य कोशिकाएं भ्रष्टाचार की कोशिकाओं में ना बदल पाएं I
Anna sab we all with you.
ReplyDeleteRajendra
Uttarakhand
भ्रष्टाचार के लिए हम भी उतने ही जिम्मेदार हैं जितने कि राजनेता और नौकरशाह. थोड़ी सी सुविधा के लिए हम रिश्वत देने के लिए तैयार हो जाते हैं. लोकतंत्र में केवल वोट देकर ही जिम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती. शासन, प्रशासन व सरकार पर निरंतर नज़र रखना और गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज़ उठाना भी हमारा दायित्व है.
ReplyDelete-------रवि बिजारनिया.