Thursday, April 14, 2011

संजय को डेयरी से मिली आर्थिक समृद्धि की नई राह


संजय लखौटिया की मॉडर्न डेरी बनी युवाओं के लिए प्रेरणा का माध्यम।

 लखौटिया की डेयरी में पल रहे हैं 350 जानवर

प्रतिदिन 2800 लीटर दूध का होता है उत्पादन 

डेयरी में हाईजिनिक दूध के उत्पादन की व्यवस्था

क्षेत्र के 30 से अधिक लोगों को मिला रोजगार

जहांगीर राजू रुद्रपुर

काशीपुर के रम्पुरा गांव निवासी संजय लखौटिया को डेयरी व्यवसाय ने आर्थिक समृद्धि की नई राह दिखायी है। उन्होंने गांव में मॉडन डेरी स्थापित कर क्षेत्र के 30 से अधिक लोगों को भी रोजगार मुहैया कराया है। रम्पुरा गांव की यह डेयरी क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा का माध्यम बन रही है।
 संजय लखौटिया

उल्लेखनीय है कि संजय लखौटिया ने अपने फार्म हाउस में मात्र तीन साल पहले डेयरी शुरु की। कड़ी मेहनत व लगन ने डेयरी व्यवसाय को उनकी आर्थिक समृद्धि का जरिया बना दिया है। उनकी डेयरी में वर्तमान में 350 छोटे बड़े जानवर हैं, जिसमें से 200 गाय दूध दे रही हैं। इन गायां से डेयरी में प्रतिदिन 2800 लीटर दूध का उत्पादन होता है। जिसमें से 1000 लीटर दूध आंचल डेयरी को दिया जाता है, शेष दूध स्थानीय व्यवसाईयों व लोगों के घर-घर जाकर बेचा जाता है। इस दूध की गुणवत्ता बेहतर होने के कारण बाजार में 18 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से आसानी से बिक जाता है। मॉडर्न डेयरी के रुप में स्थापित इस डेयरी में अधिकांश काम मशीनों की मदद से किए जाते हैं, ताकि लोगों को हाईजिनिक दूध मिल सकें।

डेयरी में साफ सफाई की खास व्यवस्था के साथ ही सभी जानवरों का खुले में रखा जाता है। डेयरी में सभी जानवर क्रास ब्रीड नश्ल के हैं। जिसमें से एक गाय कम से कम 40 लीटरतकदूध देती है। सुमित लखौटिया बताते हैं कि डेयरी व्यवसाय को आर्गेनाइज ढंग से किया जाए तो इससे युवाओं को रोजगार का बेहतर विकल्प मिल सकता है।

डेयरी फार्म में रखी गयी गाय
डेयरी के साथ पोल्ट्री और मत्स्य पालन

रुद्रपुर। संजय लखौटिया का फार्म अब एक मॉडन फार्म के रुप में विकसित हो चुका है। इस फार्म में उन्होंने डेयरी के साथ ही पोल्ट्री, मत्स्य पालन व लोरिकल्चर का कार्य भी शुरु किया है। इन सभी क्षेत्रों में बेहतर उत्पादन कर उन्होंने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस कार्य में छोटे भाई सुमित लखौटिया भी पूरी तरह से उनके साथ रहते हैं।





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