Saturday, October 9, 2010

....अब वैश्विक प्रतिस्पर्धा की तैयारी में पंतनगर विश्विद्यालय

                                 
इंटरनेशनल कालेज आफ एग्रीकल्चर की शुरुआत


किसान मेले पहुंचकर छात्रों ने इंटरनेशनल कालेज के पाठ्यक्रमों की जानकारी प्राप्त की
                      (जहांगीर राजू रुद्रपुर से)

 

गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय पंतनगर अब कृषि के क्षेत्र में बढ़ रही वैज्ञानिक प्रतिस्पर्धा की तैयारी में जुट गया है। जिसके चलते विश्विद्यालय में इंटरनेशनल कूल आफ एग्रीकल्चर की शुरुआत कर दी है। विदेशों के विद्यार्थी इस कालेज में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। विश्विद्यालय में लगे किसान मेले में पहुंचे विद्यार्थी इंटरनेशनल स्कूल आफ एग्रीकल्चर के पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहं हैं।
 पंतनगर विश्वविद्यालय में लगे किसान मेले का निरीक्षण करते कुलपति प्रो.बीएस बिष्ट
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 17 नवंबर 1960 में पंतनगर विश्विद्यालय को देश के पहले कृषि विश्वविद्यालय को राष्ट्र को समर्पित किया था। इस विश्विद्यालय ने अपनी स्थापना के बाद से ही देश में हरित क्रांति लाने के साथ शोध के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्य किए। देश में कृषि पैदावार बढ़ाने के लिए विश्विद्यालय ने अब तक अनाज की 2१५ से अधिक प्रजातियां विकसित की हैं। विश्वविद्यालय में वर्तमान में 26२ शोध परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। विश्वविद्यालय में स्थापित दर्जनों रिसर्च सेंटर किसानों को पोल्ट्री, डेयरी, फल, सब्जी व औषधीय पौधो तथा बीज उत्पादन के लिए समय-समय पर उन्नत किश्म के शोध करते रहते हैं। जिसे विश्वविद्यालय के 18 बाहरी परिसरों के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जा रहा।   वर्तमान में विश्वविद्यालय में 10 कालेज चल रहे हैं। इन कालेजों में स्थित 7२ विभागों में 135 पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। विश्वविद्यालय ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा को ध्यान मंे रखते हुए इंटरनेशलन स्कूल आफ एग्रीकल्चर की स्थापना की है। इस इंटरनेशनल कालेज में वर्तमान में मालदीव देश के विद्यार्थियों को उच्चतकनीक कृषि पर आधारित डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरु किया है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने शिक्षा के आधुनिकीकरण व वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, आस्ट्रेलिया व हंगरी के शिक्षण संस्थानों से विद्यार्थियों व संकाय सदस्यों के आदान-प्रदान के लिए करार किया है। पंतनगर विश्विद्यालय में लगे किसान मेले में भी काफी संख्या में छात्र इंटरनेशनल स्कूल आफ एग्रीकल्चर के पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट के माध्यम से भी विदेशी छात्र इंटरनेशनल कालेज के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। 

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विश्विद्यालय को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगीरूप्रो.बिष्ट

रुद्रपुर। पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीएस बिष्ट बताते हैं कि यह विश्वविद्यालय एशिया के प्रमुख विश्वविद्यालयों में एक है। ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी है कि व वैश्यिक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार रहे। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने इंटरनेशनल कालेज आफ एग्रीकल्चर की शुरुआत कर दी है। पहले चरण में मालदीव के विद्यार्थी कालेज में डिप्लोमा प्राप्त कर रहे हैं। इस कालेज को अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के मुताबिक समृद्ध बनाया जाएगा ताकि भविष्य में इस कालेज में काफी संख्या में विदेशी छात्र आकर्षित हो सकें। जिससे विवि  को अर्न्राष्ट्रीय स्तर में पहचान मिलेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में विवि को प्रमुख अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रुप में विकसित किया जाएगा।

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देशभर से पंतनगर पहुंच रहे हैं किसान

रुद्रपुर। जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में लगे किसान मेले में देशभर के विभिन्न हिस्सों से कास्तकार पहुंच रहे हैं। मेले में पहुंचकर किसान राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कृषि के क्षेत्र में हो रहे शोध कार्यों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बीएस बिष्ट ने बताया कि मेले के माध्यम से किसानों को कृषि विकास की नविनतम तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है। साथ कृषि वैज्ञानिकों की मदद से तैयार किए गए फार्मों का प्रदर्शन भी कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेले में प्रतिदिन सात हजार से अधिक किसान पहुंच रहे हैं। मेले में पहुंचने वाले किसानों में बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के लोगों की संख्या ज्यादा है।


2 comments:

  1. यह तो एक सराहनीय कदम है| शुभकामनाएँ|

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  2. this is very popular and a very nice research center in uttarakhand itsi a very proudly fill this movement

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