Saturday, May 14, 2011

टेलर के बेटे ने पार्लियामेंट हाउस में दिया व्याख्यान

टर्की व बहरीन में जाकर इस्लामिक बैंकिंग पर करेगा शोध

जामिया के सेंटर फार बैस्ट एशियन स्टडीज से मिली स्कालरशिप

          (जहांगीर राजू रुद्रपुर से)

पार्लियामेंट हाउस में 14 मई को इस्लामिक बैंकिंग पर हुए अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार में रुद्रपुर निवासी टेलर तर्ररार हसन खां का बेटा कासिफ हसन खां व्याख्यान दिया। कासिफ इस सेमिनार में भागीदारी के बाद टर्की व बहरीन में जाकर इस्लामिक बैंकिंग पर शोध करेगा।
कासिफ हसन खां के पिता तर्ररार हसन खां की गुरद्वारा रोड पर माडेस्ट टेलर्स नाम से दुकान है। कासिफ ने बताया कि पिता ने अभावों में रहकर उन्हें पढ़ाया है। इंटरमीडिएट तक की शिक्षा रुद्रपुर से पूरी करने के बाद उसने कुमाऊं विश्विद्यालय से एमकाम किया। वर्तमान में वह जामिया मिलिया इस्लामिया विश्विद्यालय दिल्ली सेंटर फार बैस्ट एशियन स्टडीज से पीएचडी का छात्र है। वह इस्लामिक बैंकिंग या इंट्रस्ट फ्री बैंकिंग पर शोध कर रहा है। कासिफ ने बताया कि अरब कंट्री समेत वेस्ट एशिया के तमाम बैक व संस्थाएं भारत में पूंजी निवेश करना चाहती हैं, लेकिन देश में इंट्रस्ट फ्री बैंकिंग व इस्लामिक बैंकिंग व्यवस्था नहीं होने के कारण वह पूंजी निवेश नहीं करते हैं।
 उन्होंने बताया कि यदि देश में इंट्रस्ट फ्री बैंकिंग व्यवस्था लागू हो जाए तो अरब देशों से यहां काफी मात्रा में विदेशी निवेश कराया जा सकता है, जबकि विश्व के अन्य तमाम देशों में अरब देश पूंजी निवेेश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों टर्की का आशिया बैंक व कुवैत फाइनैंस हाउस ने भारत में पूंजी निवेश का मन बनाया था, लेकिन आरबीआई की अनुमति नहीं मिल पाने के कारण यह पहल आगे नहीं बढ़ सकी। इसी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए 14 मई को पार्लियामेंट हाउस में इंस्टीट्यूट आफ आबजेक्टिव स्टडीज की पहल पर इस्लामिक बैंकिंग पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में वह अरब देशों का भारत में पूंजी निवेश की संभावना विषय पर व्याख्यान देंगे। उन्होंने बताया कि इस सेमिनार में राज्य सभा के चेयरमैन डा.के रहमान खां, भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी डायरेक्टर डा.टीआर मेहता समेत यूएसए, मलेशिया, सउदी अरब, बहरीन, टर्की समेत तमाम वेस्ट एशिया देशों के प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। कासिफ ने बताया कि इस सेमिनार में भागीदारी के बाद वह 15 मई को टर्की के लिए रवाना होंगें। टर्की में 20 दिन तक रहकर वह वहां की बैंकिंग व्यवस्था पर शोध करेंगे। इसके बाद वह बहरीन में रहकर  इस्लामिक बैंकिंग का अध्ययन करेंगे।

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