Monday, December 27, 2010

छिन गया छह मासूमों की खुशी का आसमान

शराब के जहर से तबाह हुआ एक और परिवार

जहांगीर राजू रुद्रपुर

शराब के जहर से एक और परिवार तबाह हो गया। इस बार शराब के जहर के शिकार हुए पिता व मां की मौत के बाद छह बच्चों से उनकी खुशी का आसमान छीन गया। अब इन नाबालिग बच्चों को फिर से खुशियां मिल पाएंगी या नहीं फिलहाल इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस घटना ने हमें एक बार फिर से शराब से तबाह हो रहे परिवारों व समाज की हकीकत से रुबरु कराया है।
गिरधारी व निर्मला के बच्चें
नशा एक आदमी करता है, पर तबाह पूरा परिवार हो जाता है। गिरधारी लाल के परिवार के साथ भी यही हुआ। शराब के नशे के शिकार गिरधारी की मौत के बाद गम में पत्नी ने भी जहर खाकर जान दे दी। मां-बाप की मौत के बाद छह बच्चे भी हमेशा के लिए अनाथ हो गए। रुद्रपुर कलक्ट्रेट में चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यरत गिरधारी लाल शराब का एडिक्ट था। दतर से मिलने वाले वेतन का अधिकांश हिस्सा शराब में खर्च हो जाने के बाद छह बच्चों की जिम्मेदारी के बोझ को नहीं उठ पाने के कारण गिरधारी ने तनाव में जहर खाकर जान दे दी। गिरधारी की मौत के सदमे को उसकी पत्नी निर्मला भी बर्दाश्त नहीं कर सकी। उसने अपने छह बच्चों के बारे में कुछ सोचे बगैर अवसाद में आकर खुद भी जान दे दी। मोहल्ले के लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि एक दूसरे को बेपनाह मोहब्बत करने वाले गिरधारी व निर्मला इस तरह से कैसे जान दे सकते हैं। लेकिन उनका मनना है कि एक दूसरे के बगैर नहीं रह सकने वाले दंपति के बीच बच्चों की जिम्मेदारी व आर्थिक तंगी को लेकर अक्सर बातें हुआ करती थी, लेकिन वह कभी झगड़ा नहीं करते थे। 24 दिसंबर की रात्रि ज्यादा शराब पी लेने के बाद गिरधारी काफी तनाव में था। तनाव बर्दाश्त नहीं कर पाने के कारण उसने जहर खाकर जान दे दी। पति की मौत के सदमें में छह बच्चों की मां निर्मला की भी जहर खाने से मौत हो गयी।

मां-बाप की मौत के बाद ममता (१५), मनोज (१३), विक्की (१३), गोलू (७) संध्या (३), मुस्कान (२)  हमेशा के लिए अनाथ हो गए हैं। अब यह छह मासूम किसके कंधे पर सिर रखकर रोएं इसका जवाब किसी के पास नहीं है। पिता के परिवार में अब कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं होने के कारण एकमात्र मामा व नानी पर अब इन छह बच्चों की जिम्मेदारी आ गयी है, जो मिर्जापुर में रहते हैं। लेकिन मामा की भी आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने के कारण बच्चों का आगे का जीेवन कैसे चलेगा यह सवाल हर किसी की जुबान पर है। इस प्रकार देखा जाए तो गिरधारी लाल की गलती के कारण पूरा परिवार तबाह हो गया। में है। गिरधारी की गलती के कारण छह बच्चों की खुशी का आसमान उनसे हमेशा के लिए छिन गया है। इस तरह की घटनाओं का प्रतिबिंब हमारे समाज के आईने की तस्वीर को भी अक्सर धुंधला करता रहता है। 

एडिक्शन बना मौत का कारण

रुद्रपुर। मनोवैज्ञानिक डा. अजरा परवीन का कहना है कि शराब का एडिक्शन ही गिरधारी की मौत का कारण बना। उन्होंने बताया कि वेतन का अधिकांश हिस्सा शराब में खर्च हो जाने के कारण गिरधारी परिवार की जिम्मेदारी को बहन करने में नाकाम साबित हो रहा था। जिसके चलते ओसाद में आकर उसने अपनी जान दी। पति की मौत के बाद पत्नी ने भी कुछ सोचे समझे बगैर जहर खाकर जान दे दी। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना के लिए शराब पूरी तरह से जिम्मेदार है। शराब परिवार के साथ ही समाज को भी बर्बाद कर रही है। इस स्थिति में हमें शराब से तबाह हो रहे परिवारों व समाज के प्रति व्यापक स्तर पर लोगों को जागरुक किए जाने की जरुरत है।

1 comment:

  1. सच ही बहुत बुरी खबर है.शराब ने कई और भी परिवारों को लील लिया है.आशा है लोग सबक लेंगे.

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