Monday, September 6, 2010

बरसात में कोबरा करेत व वाइपर है जान के दुश्मन

कोबरा सा जहर रखने वाला करेत प्रजाति का सांप घरों व गांदामों में भोजना की तलाश में आने के कारण इंसान को ज्यादा शिकार बनाता है
                                          चंदन बंगारी रामनगर


बरसात का मौसम आते ही लोगों के जेहन में बसे ज्यादा डर अगर किसी को होता है तो वह है सांपों का। हो भी क्यूं ना बरसात होते ही बिलों में पानी भरने की वजह से यह भारी संख्या में बाहर निकल आते है। भोजन की तलाश में बाहर निकले सापों का सामना अनायास ही इंसान से हो जाता है। तब इंसान व सांपों के बीच संघर्ष खड़ा होता है। यही वजह है कि बरसात के मौसम में अधिकांश स्नेक बाइट की घटनाएं सामने आती है। जिनमें कई लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते है। 
बरसात के समय निकलने वाले प्रदेश में ज्यादातर सांपों में से तीन प्रजाति के ही सांप ज्यादा विषैले होते है। सांप पहली अनूसची में आते है। जिनमें पहला किंग कोबरा प्रजाति का सांप होता है। प्रदेश में कोबरा प्रजाति के इंडियन कोबरा व किंग कोबरा दोनों प्रकार के सांप पाए जाते है। फन वाले इस सांप को प्रजाति का राजा माना जाता है। कोबरा में न्यूरोटॉक्सिक टाइप जहर होता है। जहर की ज्यादा मात्रा होने के कारण यह अन्य सांपों की तुलना में बेहद खतरनाक माना जाता है। प्रदेश में कोबरा की दोनों प्रजातियां कार्बेट टाइगर रिजर्व, तराई, धारचुला, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत में ज्यादा पाई जाती है। खास तौर पर यह सांप जंगल में ही रहना ज्यादा पसंद करता है। इसलिए जंगल जाने वाले लोगों का ही सांप से सामना होता है। ज्यादातर मामलों में यह सांप लोगों पर ही भारी पड़ता है। अभी कुछ महीनों पहले विश्व का सबसे बड़ा किंग कोबरा रामनगर के चूनाखान के पास एक झरने में मृत मिला था। सांपों में दूसरी सबसे विषैला सांप करेत है। सांप के आधे धड़ से काले व सफेद प्रकार के घेरे बने हुए होते है। यह काफी शर्मीला व अचानक वार करने वाला सांप होता है। यह कब डसकर चले जाय इसका पता नही चल पाता है। यह सांप भोजन की तलाश में घरों व गोदामों में आ जाता है। यह अकेला बिस्तर तक पहुंच रखने वाला सांप है। कभी-कभी तो यह सांप कपड़ों, गददों, अल्मारी तक में मिल जाता है। जिसके कारण यह लोगों के लिए खतरा बन जाता है।
सबसे ज्यादा लोग इसी सांप के काटने से मौत के मुंह में चले जाते है। इस सांप का वैज्ञानिक नाम बुगेंरस है। इसमें भी कोबरा की तरह न्यूरोटॉक्सिन प्रकार का जहर पाया जाता है। करैत का जहर सीधे नर्वस सिस्टम पर असर करता है। जिस व्यक्ति को करैत डसता है उसे इसका अहसास तक नही होता है। इसके शिकार व्यक्ति को पेट में असहनीय दर्द उठता है। जिसके बाद उसका गला बंद होने लगता है। इस जहर इतना खतरनाक होता है कि कुछ ही मिनटों में इंसान की जान पर आफत बन आती है। कई बार तो इसका शिकार व्यक्ति पेट में दर्द की दवाई ले लेता है। बाद में जब इसके काटे होने का पता चलता है तो बहुत देर हो जाती है। इसके अलावा तीसरी प्रजाति वाइपर की होती है। निम्न हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाने वाला वाइपर का सिर तिकोना होता है। वहीं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमालयन पिट वाइपर पाया जाता है। दोनों की प्रजाति के सांपों में हीमोटॉक्सिक प्रकार का जहर होता है। वहीं शांत प्रजाति का सांप पाइथन भी कभी कभार भोजन की तलाश में आबादी में घुस आता है। वहीं पानी में पाए जाने वाले सांप भी अक्सर लोगों को दिखाई देते है। मगर इन सांपों के काटने से इंसान का जीवन खतरे में नही पडता है। फिर भी इन सांपों के काटने पर डाक्टर को तुरंत दिखा लेना चाहिए। 

क्या कहते है डाक्टर

रामनगर। कार्बेट टाइगर रिजर्व में तैनात डा. सत्यप्रियगौतम भल्ला कहते है कि सांप के काटने पर इंसान को कतई घबराना नही चाहिए। घबराने से हार्ट पर असर होने पर जहर तेजी से शरीर में फैलता है। काटे वाली जगह पर पटटी न बांधे व इस स्थान को साबुन से धोने के बाद अस्पताल में उपचार कराएं। वहीं संयुक्त चिकित्सालय में तैनात डा. केके जोशी कहते है कि सांप काटने के मामले में एंटी स्नेक वेनम दिया जाता है। जरूर यह है कि मरीज कितनी जल्दी अस्पताल पहुंचता है। वह कहते है कि सांप काटने वाली जगह पर किसी भी प्रकार का कोई कट न करें।

क्षेत्र के लोग चंद्रसेन के ही सहारे 

रामनगर। रामनगर में रहने वाला चंद्रसेन पेशे से पेंटर है। उन्हें जहरीले सांप पकड़ने का अदभुत हुनर है। जनसेवा करने का शौक रखने वाले चंद्रसेन लंबे अरसे से सांप पकड़कर जंगल में छोड़ते आ रहे है। 31 अगस्त की रात उन्होंने कानियां स्थित नाले के पास से जहरीला किंग कोबरा पकड़ा। कोबरा लोगों के घरों में घुसने का प्रयास कर रहा था। ग्रामीणों ने कोबरा को पत्थर मारकर घायल कर दिया था। ग्रामीणों की सूचना पर चंद्रसेन ने कोबरा को पकड़ लिया। मगर वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते कोबरा इलाज के अभाव में मर गया। वहीं चंद्रसेन ने पैठपड़ाव स्थित राम अवतार के घर से 5 फुट का पाइथन पकड़ा। वहीं कोसी रोड स्थित स्टेट बैंके पास रहने वाले विमल महरोत्रा के घर कोबरा सांप घुस आया। जिसको चंद्रसेन ने पकड़ लिया। इसके अलावा भरतपुरी में भोपाल सिंह रमोला के घर से 3 फुट व चोरपानी में रहने वाली मुन्नी देवी के घर से 4 फुट लंबा पाइथन पकड़ा। हिम्मतपुर डोटियाल से उन्होंने देर रात 10 फुट लंबा अजगर पकड़ा है। उन्होंने इन जहरीले सांपों को पकड़कर घने जंगल में ले जाकर छोड़ दिया। चंद्रसेन करीब 15 सालों से लोगों के घरों में घुसे सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ते आ रहे है। मगर वन विभाग से किसी भी प्रकार का सहयोग न मिलने से वह बेहद दुखी है। उनका कहना है कि लोगों के बुलावे पर वह सांपों को घर से पकड़कर लाते है। मगर वन विभाग उन्हें कोई भी सुविधा उपलब्ध नही कराता है। जंगल में भी उन्हें सांप छोड़ने के लिए अपने वाहन से जाना पड़ता है। आज भी जब लोगों के घरों में सांप घुसता है तो लोग चंद्रसेन को ही याद करते है।  

वन कर्मियों को सिखाए सांप पकड़ने के गुर

रामनगर।  4 सितंबर को पहली बार पहल करते हुए वन परिसर के एफडीए हाल में कार्बेट पार्क प्रशासन के तत्वावधान में तराई पश्चिमी वन प्रभाग व कार्बेट के वनकर्मियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ। प्रशिक्षण में कार्बेट के पशु चिकित्सक डा. सत्यप्रिय गौतम भल्ला ने कहा कि आमतौर पर बरसात के समय सांप ज्यादा निकलते है। प्रदेश में केवल तीन प्रजातियों कोबरा, वाइपर व करेत के ही सांप विषैले होते है। उन्होंने कहा कि वन कर्मियों का दायित्व है कि वह अन्य वन्यजीवों की तरह से ही सांपों को भी बचाएं। यह वन्यजीव प्रबंधन का ही एक हिस्सा है। अगर कहीं घायल सांप मिले तो उसे तुरंत पकड़कर उपचार के लिए डाक्टर के पास लेकर आए। उन्होंने बताया कि यंत्र से सांप पकड़ने में खासी सावधानियां बरतनी चाहिए। जरा सी असावधानी काफी घातक साबित हो सकती है। सांप को पकड़ने के बाद प्लास्टिक के बोरे में न रखें। क्यांेकि दम घुटने के कारण सांप मर जाते है। इस दौरान सांप की अन्य प्रजातियों व उनके व्यवहार के बारे में स्लाइड के माध्यम से बताया गया। इस दौरान 21 प्रशिक्षणार्थियों को सांप पकड़ने के लिए छड़ी, ग्लब्ज, चश्मा, हुक व किताब भी वितरित की गई।

प्रमुख घटनाएं 
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1 सितंबर रामनगर इलाके में एक ही दिन में कोबरा, वाइपर, पाइथन सहित 6 सांप पकड़े गए। इनमें से दो को छोड़कर सभी घरों से मिले 

.31 जुलाई को दिनेशपुर के दुर्गापुर में सांप के काटने से एक की मौत

.30 जुलाई को खटीमा व टनकपुर में चार लोगों को सांप ने काटा, एक महिला की मौत

.रामनगर के बैड़ाझाल में 26 जुलाई को सांप के काटने से दो चचरे भाइयों की मौत

.6 जून को रामनगर के गर्जिया गांव में रहने वाले महेश राम के घर से मिला 12 फुट लंबा किंग कोबरा    

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