Saturday, April 16, 2011

फिनलैंड में आयोजित कार्यशाला में भाग लेंगी नैनीताल की दीप्ती

इएससीएपी ने किया आमंत्रित

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                                                                                                       रवींद्र पांडे नैनीताल
 नगर की मूल निवासी तथा वर्तमान में नेशनल ला विश्वविद्यालय भोपाल में द्वितीय वर्ष की छात्रा दीप्ती आर्या फिनलैंड की राजधानी हेलंसिकी में 11 से 15 जून 2011 तक होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगी। बाल अधिकार के क्षेत्र में रूचि रखने वाली 20 वर्षीय दीप्ती ने नेट पर इसके लिए आवेदन किया था। चयन के बाद वह संस्था की नियमित सदस्य बन गई हैं और प्रतिवर्ष संस्था के कायर्कक्रमों में भाग ले सकेंगी। दूरभाष पर हुई वार्ता में दीप्ती ने बताया कि यूरोपियन सोसाइटी फार चाइल्ड एडोलोसेंट साइकेट्री  (इएससीएपी) संस्था विश्वभर में चाइल्ड राइट्स एंड मनोविज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत है। संस्था की ओर से प्रतिवर्ष अंतराष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की जाती है। इस वर्ष इंटरनेट पर कार्यशाला बावत जानकारी मिलने पर उन्होंने इसके लिए आवेदन किया। आवेदन के साथ भेजे गए प्रपत्र में उन्होंने अपने अध्य्यन के आधार पर विषय से संबंधित अपना पक्ष भी रहा। उन्होंने व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि जब बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए विश्व भर के 192 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं तो फिर भूख, दर्द, क्रूरता, मानसिक उत्पीडऩ से पीड़ित बच्चे के मामले समाज में क्यो मौजूद हैं।
 उन्होंने क्या कड़े नियम बाल अधिकारों के हनन को रोकने में सक्षम हैं विषय पर भी अपनी बात रखी। भारत के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा कि भारत में 6 से 18 वर्ष के 50 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, जबकि कक्षा 3 से 5 के बीच में 50 फीसदी लडक़े व 58 फीसदी लड़कियों की शिक्षा छूट जाती है। देश में 60 फीसदी बच्चे एनीमिक हैं, 1000 में से 15 बच्चे अपना पंाचवा जन्मदिन नहीं देख पाते। सैक्स वर्कर में सें 40 फीसदी 5 से 18 वर्ष तक की लड़कियां हैं। उन्होंने बताया कि बीते दिनों संस्था ने उन्हें चयनित कर कार्यशाला के लिए आमंत्रित किया। खर्चे बावत पूछने पर उन्होंने बताया कि फिनलैडं में रहने व खाने का खर्चा संस्था देगी जबकि टिकट के लिए कई संस्थानों ने पहल की है, जिनसे वार्ता जारी है।
दीप्ती ने बताया कि बचपन से संबंधित क्षेत्र में रूझान रहा है तथा भविष्य में भी वह बाल अधिकारों के लिए कार्य करना चाहती हैं।  उनके पिता अजय लाल वन विभाग में प्रधान मानचित्रकार हैं जबकि माता गगनेश्वरी ग्रहणी हैं। दीप्ती का कहना है कि संबंधित क्षेत्र में कार्य के लिए उन्हें अभिभावकों का भरपूर सहयोग मिलता है।

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